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इस धरती पे / प्रतिमा त्रिपाठी

इस धरती पे
जब मैं अकेली जन्मी थी
जब वो अकेला जन्मा था
तब भी चाहतें ऐसी ही थीं
जैसे के अब मगर
तब वो इतने रिश्तों में बँधा न था
तब मैं इतने हिस्सों में बँटी न थी।