जोते हुए खेत की नई दूब पर सुबह की सुनहरी धूप में चारो ओर असंख्य बूँद-बूँद सोना बिछा हुआ है । इस वर्ष हरसिंगार के सफ़ेद-पीले फूल मरे हुए हंसो की तरह गिरे है देखता हूँ आँख तले-पाँव तले बिछ आया है -- मरण आतुर अनंत सुनहला जीवन ।