बेहुला ! सती बेहुला !! पुराना अँधेरा नए झंझावात में जीवन सागर की छाती पर केले की भेरी में एकाकीपन की इतनी लम्बी डगर पर हम भी -- तुम्हारी ही तरह -- तप्त ।