Last modified on 28 नवम्बर 2013, at 14:00

ईठ ! / कन्हैया लाल सेठिया

आवै
कणाईं कणाईं
बै खिण
जद चालै कलम
हुवै सिरजण
पण
म्हारो ईठ
बो दरपण
जकै में
चावै जणां करो
चेतणा
दरसण !