ईश्वर को कितना वेतन मिलता होगा
और उतने में ऐसे कौन-से काम होंगे जिन्हें
ईश्वर नहीं चाहता होगा करना ?
ज़रूर होंगे ऐसे काम
क्योंकि ऐसे हैं कई कामी चरित्र हमारी सामाजिक
जान-पहचान में
जो अपने खल-कर्मों को ईश्वर के जिम्मे डालकर
भगवती जागरण में मोटा पैसा देते हैं
जिस मशीन पर वह पैसा छापते हैं
उसे सीधे-सीधे कहने पर ईश्वर को शर्म आएगी
हम मानते हैं कि ईश्वर को
अच्छा नहीं लगता उनका व्यापार
इसीलिए हमारी नज़र में ईश्वर के लिए
कुछ अच्छे विचार अभी बचे हैं
और हम उससे डरते नहीं हैं
हम काम करते हैं
न करें तो क्या मुम्बई भाग जाएँ
हमारे साथी शेयर बाज़ार जाते हैं
या घरों में करते हैं राजनीति
हम जाते हैं दफ़्तर घिसे जूतों में घिसटते
और सिर्फ़ ईश्व का नाम याद रखते हैं
क्या ईश्वर सीकरी में नौकर हो गया
उसके नाम से लोग सचिवालय में पहुँच गये हैं
ईश्वर भी वहीं है तो इतने ढेर पैसे को बचाता कैसे होगा ?