सुलगा कर के अपनी बीड़ी
फूँक दिये गाँव के गाँव
वही विधायक संसद की
सिगरेट चला है सुलगाने
वह जाति बहुल धन-बाहु-बली
हा ! घोर आपदा ! ईश्वर जाने !
सुलगा कर के अपनी बीड़ी
फूँक दिये गाँव के गाँव
वही विधायक संसद की
सिगरेट चला है सुलगाने
वह जाति बहुल धन-बाहु-बली
हा ! घोर आपदा ! ईश्वर जाने !