हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
ईसवर के गुण गाइये मेरी बहना
आर्यों का प्रण पुगाइये मेरी बहना
पुगाइये मेरी बहना
जै तेरा सुसरो पानी हे मांगै
तो कच्चा दूध पिलाइये मेरी बहना
पिलाइये मेरी बहना
जै तेरा जेठा रास्तो मैं मिल जाय
तो दस डंग परै के निकलिये मेरी बहना
निकलिये मेरी बहना
जै तेरा कन्था मारण चड्ढ जा
तो पत्थर सी बन ज्याइये मेरी बहना
बन ज्योईये मेरी बहना
ईसवर का गुण गाइये मेरी बहना
आर्यों का प्रण पुगाइये मेरी बहना