सकुचैत देशान्तरक मध्य
उपजैत नव वैश्विक परिवेश मे
समुच्चा ग्लोब
सहटि क' भेल छै एकटा गाम
गाम, जाहि मे एके संग
विकासक बटगबनी गबैत छै
मेसोपोटामिया आ मोहनजोदड़ो
गाम,जाहि मे
वाल स्ट्रीटक पीड़ा सँ
ठोहि पारि कनैत छै दलाल स्ट्रीट
अहि गाम मे
साम्यवादक घेंट मोकने काबिज छै
मुठ्ठी भरि लोक
जे पनामा किंवा स्विस मे
नून चटा मारि रहल छै
गामक सेंसेक्स
अहि गामक वातानुकूलित छाहरि मे
मौला रहल छै
कुजरनिक ढाकी मे राखल
पटुआ आ परोड़
ई गाम अपन इसखीक हाहुति मे
उजारि रहल छै चार
आ ,चार परक तिलकोर
अहि गामक अट्टालिकाक नौ' मे
समाधिस्थ छै सहस्रो एकचारी
जकर लेखा-जोखा
नहि भेटैत छी कोनो आर्काइव मे
ई गाम अपन उद्योगक आँच मे
सुड्डाह केलकै
कतेको सिक्की मौनी
घोंटैत गेलै नहु नहु
कतेको घरक कमौनी
आ विकासक लौडिस्पिकर फूंकि
पचा गेलै
पसीखाना सँ अबैत विपत्तिक गीत
अहि गामक लोक आब नहि
ढेरियबै छै गोबर-करसी
कहाँ देखैत छियै मोरंग बाली केँ
सुकरातीक लेल बनबैत दियौरी
बनेबो कियेक करतै ?
ओकरा कोनो बुझल नहि छै
जे रूस पठौतै यूरिया
आ कुरियर करतै चीन
लच्छाक लच्छा भुकभुक़िआ
ई जे गाम छै
से उपभोगक एक विराट मंच
आ रचैत छै स्वांग
मनुख केँ सुखितगर बनेबाक
मुदा बिसरल छै
जनकल्याणक साबिक मंत्र
सर्वे भवन्तु सुखिनः ...