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उंकार देव न लिख्या कागज दई भेज्या / निमाड़ी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

उंकार देव न लिख्या कागज दई भेज्या,
तू रे ईरा, बेगा रे घर आव
हम कसां आवां म्हारा उंकार देव,
हमारा माथऽ नारेळ की मान।
नारेल चढ़ावऽ थारो माड़ी जायो,
तू रे ईरा, बेगा रे घर आव।