बादळां नैं कैवो
बरसणो है तो
बरसो चुपचाप
मरुधर री तिरस
अबार सूती है
थांरी ई उडीक में
खोई है थांरै ई सुपनै में
आया हो तो बरस ई जावो
इणरै सुपनै रै साच हुवणै सारू
बादळां नैं कैवो
बरसणो है तो
बरसो चुपचाप
मरुधर री तिरस
अबार सूती है
थांरी ई उडीक में
खोई है थांरै ई सुपनै में
आया हो तो बरस ई जावो
इणरै सुपनै रै साच हुवणै सारू