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उत्सव / मदन गोपाल लढ़ा


महज मिलना नहीं होता है
तलाश होती है
स्वयं की
दूसरों में।

जब कहीं कोई
मिल जाता है
स्वयं जैसा
तो उत्सव बन जाता है
वह क्षण।