Last modified on 7 दिसम्बर 2012, at 21:20

उत्सव मनाने जैसा है / संगीता गुप्ता

उत्सव मनाने जैसा है
मेरे लिए
तुम से बात करना

सबसे बड़ी शाहखर्ची
मेरी
तुम से मिलना

तुम से
रोज नहीं मिलती मैं
इसी लिए