उदास मौसम है
बह रही है
नीली नदी
बर्छियों के जंगलों
के चारों ओर
आग के समुद्र हैं
स्वप्न पाखी जा चुका है
सुदूर उड रही आकाश में
एक फ़ाख्ता अकेली
उदास मौसम है
बह रही है
नीली नदी
बर्छियों के जंगलों
के चारों ओर
आग के समुद्र हैं
स्वप्न पाखी जा चुका है
सुदूर उड रही आकाश में
एक फ़ाख्ता अकेली