ज़मीन छीन लेना ही, अहम काम !
बेघर करना ही, अहम काम !
चलो गर्दनिया देकर खदेड़ दो,
उसके बाद खड़े करो,
हमारी छाती पर,
ऊँचे-ऊँचे उद्योग ! उद्धत समाज !
साथ में कुछेक पुलिस का होना, ज़रूरी है
वर्ना कैसे छल-बल से,
मुझे 'बाहरी आदमी' कहकर
मेरी हड्डी-पसली तोड़ेंगे, भइये?
आज से यही है लोकतंत्र !
आज से यही है लोकतंत्र !
बांग्ला से अनुवाद : सुशील गुप्ता