जन्मतिथि 4 सितम्बर, 1948 ई. नवलगढ़ (राज.) - कागजों में 6 मई, 1950 ई; कानपुर में शिक्षा-दीक्षा: वर्ष 1959 से रचनारंभ। प्रकाशित पुस्तकों की संख्या 90 से अधिक, प्रियदर्शनी अकादमी का ‘प्रियदर्शनी’ सम्मान (त्रेता), म. प्र. साहित्य अकादेमी का भवानीप्रसाद मिश्र पुरस्कार (अनाद्यसूक्त), हिंदी अकादमी का ‘साहित्यिक कृति पुरस्कार’ (लेकिन यह गीत नहीं), उ.प्र. हिंदी संस्थान के ‘जयशंकर प्रसाद पुरस्कार’ (स्वयंप्रभा) और ‘निराला पुरस्कार’ (देह चांदनी) उल्लेखनीय हैं। कानपुर में प्र.ले.स. के सचिव रहे; अनेक भारतीय भाषाओं में रचनाएँ अनूदित। सरकारी, निजी दर्जन भर संस्थानों में विभिन्न पदों पर कार्य के बाद भारतीय प्रसारण सेवा, ’90 के अंतर्गत चयन। मई 2010 में अवकाश-ग्रहण के समय उपमहानिदेशक।
प्रमुख पुस्तकें
अभिनव पांडव, अनाद्यसूक्त, त्रेता एवं प्रज्ञावेणु (महाकाव्य); राधामाधव (उड़िया में भी अनूदित), स्वयंप्रभा एवं वक्रतुण्ड (प्रबंधकाव्य); ब्लैकहोल (काव्य नाटक); देवदारू-सी लम्बी गहरी सागर-सी, अस्ति, शब्दकमल खिला है, हंसो बतर्ज़ रघुवीर सहाय एवं इस्तरी (समकालीन कविता); समय के अश्व पर (गीत-नवगीत), मैंने यह सोचा न था (ग़ज़लें)-रा.प्र. शर्मा ‘महर्षि’ द्वारा किया गया उर्दू लिप्यांतरण उ.प्र. सरकार से पुरस्कृत, डुगडुगी और मेरी प्रिय कथाएं (कहानी-संग्रह); कहानी का सातवाँ दशक (संस्मरणात्मक समीक्षा) तथा सदी का महाराग (चयन डॉ. रेवतीरमण); आलोचक के भेस में एवं मुठभेड़ (आलोचना), सृजन की भूमि (भूमिकाएं), आलोचना का वाचिक (वाचिक आलोचना), स्मृतियों के मील-पत्थर (संस्मरण)।
संपादन
लघु पत्रिका आंदोलन और युवा की भूमिका, पत्र ही नहीं बच्चन मित्र हैं, युवा, युग प्रतिमान (पाक्षिक) एवं पोइट्री टुडे।
कवि-मूल्यांकन
डॉ. आनंदप्रकाश दीक्षित, डॉ. नित्यानंद तिवारी, डॉ. सूर्यप्रसाद दीक्षित, डॉ. कर्णसिंह चौहान, डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय, कँवल भारती, डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय, डॉ. द्वारिका प्रसाद चारुमित्र, अपूर्व जोशी, अनिरुद्ध सिन्हा, डॉ. शिवपूजन लाल, डॉ. राष्ट्रबंधु, शीतल सेटे आदि विद्वानों द्वारा लिखित और संपादित लगभग डेढ़ दर्जन पुस्तकें प्रकाशित।
स्थायी पता: ‘अनहद’, बी-463, केन्द्रीय विहार, सेक्टर-51, नोएडा-201303, दूरभाष: 0120-2481530, 09818854678
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