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उनको जब मेरी याद / रामगोपाल 'रुद्र'

उनको जब मेरी याद आएगी,
एक बिजली-सी कौंध जाएगी!

आँखें तब दिल का साथ देंगी क्या?
चोट जब होठों मुस्कुराएगी!

मेरी धुन! मानती नहीं क्यों री?
अब मुझे और क्या बनाएगी?

रोते-रोते मैं जान दे दूँगा
याद उनको जो यों सताएगी!

मुझसे मत पूछ, शाइरी क्या है,
उनकी तस्वीर ही बताएगी!

'रुद्र' रोता रहा है तू जिसको
देखना, आके ख़ुद हँसाएगी!