उनको जब मेरी याद आएगी,
एक बिजली-सी कौंध जाएगी!
आँखें तब दिल का साथ देंगी क्या?
चोट जब होठों मुस्कुराएगी!
मेरी धुन! मानती नहीं क्यों री?
अब मुझे और क्या बनाएगी?
रोते-रोते मैं जान दे दूँगा
याद उनको जो यों सताएगी!
मुझसे मत पूछ, शाइरी क्या है,
उनकी तस्वीर ही बताएगी!
'रुद्र' रोता रहा है तू जिसको
देखना, आके ख़ुद हँसाएगी!