उनको
महल-मकानी
हमको छप्पर-छानी
उनको
दाम-दुकानी
हमको कौड़ी कानी
सच है
यही कहानी
सबकी जानी-मानी
रचनाकाल: ११-०१-१९८० / ११-०६-१९९०
उनको
महल-मकानी
हमको छप्पर-छानी
उनको
दाम-दुकानी
हमको कौड़ी कानी
सच है
यही कहानी
सबकी जानी-मानी
रचनाकाल: ११-०१-१९८० / ११-०६-१९९०