बचपन में पराई
कहा
फिर सुहागन
अब विधवा
ओह!
किसी ने भी पुकारा नहीं
नाम लेकर
मेरे जन्म पर खूब रोई माँ
मैं नवजात
नहीं समझ पाई उन आँसुओं का अर्थ
क्या वाकई माँ
पुत्र की चाहत में रोई थी।
बचपन में पराई
कहा
फिर सुहागन
अब विधवा
ओह!
किसी ने भी पुकारा नहीं
नाम लेकर
मेरे जन्म पर खूब रोई माँ
मैं नवजात
नहीं समझ पाई उन आँसुओं का अर्थ
क्या वाकई माँ
पुत्र की चाहत में रोई थी।