उन से नैन मिलाकर देखो
ये धोखा भी खा कर देखो
दूरी में क्या भेद<ref>राज़</ref> छिपा है
इसकी खोज लगाकर देखो
किसी अकेली शाम की चुप में
गीत पुराने गाकर देखो
आज की रात बहुत काली है
सोच के दीप जला कर देखो
जाग-जाग कर उम्र कटी है
नींद के द्वार<ref>दरवाजा</ref> हिलाकर देखो
शब्दार्थ
<references/>