बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
उरजौ ना स्याम कही मानों,
फट जै हैं, चुनरिया ना तानों।
इत मथरा उत गोकल नगरी,
बीच बसत है बरसानो।
रजा कंस कौ राज बुरओ है,
मथरा बीच रूपौ थानों।
मैं बेटी वृषभान लला की,
काऊकी ईसुर ना जानों।
उरजौ ना स्याम कही मानों,
फट जै हैं, चुनरिया ना तानों।
इत मथरा उत गोकल नगरी,
बीच बसत है बरसानो।
रजा कंस कौ राज बुरओ है,
मथरा बीच रूपौ थानों।
मैं बेटी वृषभान लला की,
काऊकी ईसुर ना जानों।