उल्टे रस्ते चल पड़ा अपना हिन्दुस्तान
पाँच दशक में बन गया आधा इंगलिस्तान
गर्दन तक रिण में डूबा यह देश पुराना
बड़ा कठिन है अब बिकने से इसे बचाना
उपनिवेश था एक कम्पनी का यह पहले
अब दुक्की पर लगा रहे सब अपने दहले
अन्धे नेताओं ने बिठाया इसका भट्ठा
गले विश्व व्यापार संघ का बांधा पट्टा
विषम खेल है नियम उन्हीं के, वे निर्णायक
वे ही प्रतियोगी हैं, वे ही भाग्य विधायक
शुरू हुआ अब खुल्ला खेल फर्रूखाबादी
देखें कब तक बचती है अपनी आज़ादी