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पकी बेरियों से भरे बगीचे में
पेड़ चमकते हैं,
कस्तूरा शोर मचाती आती है।
और गोल सिर लिए,
त्योरियाँ चढ़ाए उल्लू बैठा है।
कस्तूरा इधर-उधर फुदकती है, सजगता में
भाग जाती है।
हालाँकि उल्लू मृत है
और धूप में बैठा है,
पेड़ में जहाँ उल्लू है
वहाँ रात जैसा काला और डरावना है ।
अंग्रेज़ी से अनुवाद : रुस्तम सिंह