आज उसका जन्मदिन है
जन्मदिन है असंख्य किसलयों का
जो फैलाते हैं उल्लास और ताज़गी सारी वसुन्धरा पर,
जन्मदिन है अनाम वनस्पतियों का
जो सघन वन में बुनती हैं हरे-भरे सपने,
जन्मदिन है उज्ज्वलता का
जो व्याप्ती है
संसार के अँधेरे कोनों और आत्माओं के गह्वरों में।
जन्मदिन है सुन्दरता के
ज़िद कर पवित्र बने रहने का,
निराश होकर भी
प्रेम में बने रहने का।
जन्मदिन है आज
निश्छल हँसी का-
कविता के सौभाग्य का-
परिपक्व प्रणय का-
आज उसका जन्मदिन है।