मैं साथ चाहती हूँ
मैं घर चाहती हूँ
और मैं ही चाहती हूँ
इस एहसास पर / सर्प की तरह
कुंडली मार कर
बैठ जाती है
साथ उसे भी चाहिए
मेरे जितना न सही
इस सच को समझ कर
समझा दे पुरुष को
तो औरत / ज़िन्दगी
आसान कर ले
मैं साथ चाहती हूँ
मैं घर चाहती हूँ
और मैं ही चाहती हूँ
इस एहसास पर / सर्प की तरह
कुंडली मार कर
बैठ जाती है
साथ उसे भी चाहिए
मेरे जितना न सही
इस सच को समझ कर
समझा दे पुरुष को
तो औरत / ज़िन्दगी
आसान कर ले