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उसकी मुस्कान / रामदरश मिश्र

मैं अपने कहे जाने वालों के बीच
परेशान होकर बाहर निकला
रास्ते में एक अजनबी मिल गया
उसने नमस्ते किया
और प्यार से
मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर मुस्कराने लगा
उसकी मुस्कान न जाने कितना कुछ कह गई
और देखते-देखते मेरी परेशानी बढ़ गई।
-11.11.2014