मैं ने बहुत बार उसे
वहाँ जाते हुए देखा है
जाने किस उद्देश्य से वह
हमेशा
मुझे वहाँ दिखता
उसकी बातों में एक अकड़ थी
मंदिर की सीढ़ियों पर
उसे कभी नहीं देखा
जब इंटर्व्यू के लिए वह आया
तो बेफ़िक्र, आरामतलब होकर
तीन महीने बाद
अपनी नई गाड़ी में
चलते हुए मुझे देख लिया
रोक कर उसने मुझसे कहा-
”जल्दी से किसी मंत्री से
अपना रिश्ता जोड़ लो
वरना भटकते रह जाओगे ”
मैं सोचता रह गया
ऐसा उसने क्यों कहा
बाद में किसी से पता चला
कि वह किसी मंत्री का भांजा था।