Last modified on 1 दिसम्बर 2011, at 13:20

उसके पास / अर्जुनदेव चारण


उसके पास
होती हैं दो आंखे
स्वप्न-विहीन
उसके पास होते है होंठ
निःशब्द
उसके पास होते हैं हाथ
फैलाने के लिये
दूसरों के सामने
उसके पास होते हैं पांव
पर वह
जीती है/तमाम जिन्दगी
अपंग ।

अनुवाद :- कुन्दन माली