Last modified on 11 जनवरी 2009, at 09:52

उसी शहर में / ध्रुव शुक्ल

उसी शहर में नाल गड़ी है मेरी
उसी शहर में दाल पकी है मेरी
उसी शहर में रहते मेरे दोस्त
उसी शहर में बीबी-बच्चे
उसी शहर में खाल खिंची है मेरी
उसी शहर में बहुत दिनों तक
रहने से दुख होता है
उसी शहर में बहुत दिनों के बाद
लौट आने से सुख होता है