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उसे देखना / केदारनाथ अग्रवाल

उसे देखना

न जाने किस ज्वार में बह जाने के समान है

उसे भेंटना

न जाने किस छंद में कस जाने के समान है

उसे चूमना

न जाने किस फूल से डँस जाने के समान है ।