धूप ने
ढाया कहर
फूल घायल
ताल सूखे
हैं हवा के बोल रूखे,
बो रहा मौसम
ज़हर
धूप ने
ढाया कहर
हर गली
हर मोड़ धोखे
बंद कर सारे झरोखे,
ऊँघता बैठा
शहर
धूप ने
ढाया कहर
धूप ने
ढाया कहर
फूल घायल
ताल सूखे
हैं हवा के बोल रूखे,
बो रहा मौसम
ज़हर
धूप ने
ढाया कहर
हर गली
हर मोड़ धोखे
बंद कर सारे झरोखे,
ऊँघता बैठा
शहर
धूप ने
ढाया कहर