श्याम छटा पर राधा गंगा धार देखू बहिना,
वाम जटा तर वामा केर श्रृंगार देखू बहिना
वदन मनोहर कुंद ईन्दु सन
भुवन वृत्त केर मध्य विन्दु सन,
जड़ चेतन मोहक मृदु मुँस्की
लऽ रहलाह विक्ख केर चुश्की,
लुटा रहल छथि अमृत केर भंडार देखू बहिना
दीपित कुंडल लोल - लोल अछि,
प्रति विम्बित दुहू कपोल अछि,
सर्पराज केर छत्र मनोहर,
ममता मे विभोर डमरू धर,
कर त्रिशूल उर उरगक गिरिमल हार देखू बहिना
केहरि छालक पट विभूषित तन,
चंद्रालं कृत शिव प्रमुँदित मन,
वाम अंक गिरिराज कुमारी,
गर लटकल गणेश भयहारी
हिनके शरणागत सगरो संसार देखू वहिना