Last modified on 16 फ़रवरी 2009, at 01:28

ऎसा क्यों होता है?-4 / वेणु गोपाल

ऎसा क्यों होता है-
कि कवि तो
परदे के खिलाफ़
होता है

लेकिन
उसकी कविता
बिना घूँघट के
बाहर
क़दम तक नहीं रखती