कुछ शब्दों के जादूगर हैं
यहाँ कुछ हैं मुसव्विर ख़्वाबों के
मैं हूँ एक अकेला पंथी
सूनी-सूनी राहों का
मन चंचल है मन भीरू भी
दुनियाँ की राहें अनजानी
काश कभी मुमकिन हो पाता
साथ किसी की बाहों का
कुछ शब्दों के जादूगर हैं
यहाँ कुछ हैं मुसव्विर ख़्वाबों के
मैं हूँ एक अकेला पंथी
सूनी-सूनी राहों का
मन चंचल है मन भीरू भी
दुनियाँ की राहें अनजानी
काश कभी मुमकिन हो पाता
साथ किसी की बाहों का