Last modified on 27 अक्टूबर 2007, at 15:36

एक आँख वाला इतिहास / दूधनाथ सिंह

मैंने कठैती हड्डियों वाला एक हाथ देखा--

रंग में काला और धुन में कठोर ।


मैंने उस हाथ की आत्मा देखी--

साँवली और कोमल

और कथा-कहानियों से भरपूर !


मैंने पत्थरों में खिंचा

सन्नाटा देखा ।
जिसे संस्कृति कहते हैं ।


मैंने एक आँख वाला

इतिहास देखा

जिसे फ़िलहाल सत्य कहते हैं ।