एक उम्मीद है
एक चाय पीऊँगी कभी
तुम्हारे साथ
आराम कुर्सी पे झूलते
काँपते हाथों से
पकडाना कोई मुलायम सा बिस्कुट
और ..
एक मुस्कान दोनो के होठों पे।
एक उम्मीद है
एक चाय पीऊँगी कभी
तुम्हारे साथ
आराम कुर्सी पे झूलते
काँपते हाथों से
पकडाना कोई मुलायम सा बिस्कुट
और ..
एक मुस्कान दोनो के होठों पे।