एक कोई तीर अब ऐसा लगाना चाहिए
जो लगे दिल पर कोई ऐसा निशाना चाहिए
अब नहीं जंगल, नहीं अब बाघ-चीते ही मगर
आदमी को आदमी से अब बचाना चाहिए
एक कोई तीर अब ऐसा लगाना चाहिए
जो लगे दिल पर कोई ऐसा निशाना चाहिए
अब नहीं जंगल, नहीं अब बाघ-चीते ही मगर
आदमी को आदमी से अब बचाना चाहिए