एक गोरी-दुई साँवरी हे, कि हो गोरी साँवरी हे,
कि तीनों मिली पनिया के जाय, हो गोरी साँवरी हे।।१।।
सुनु अगिली, सुनु पछिली हे, कि हो बिचली पनिहारिन,
कि पछिली के गड़ि गइले काँट, गोरी हो साँवरी, गोरी हो साँवरी।।२।।
बाट बइठल भइया हाजमा, हो भइया हाजमा,
कि मोरे काँटवा निकाली देवे हो भइया हाजमा, हो भइया हाजमा।।३।।
जब हम काँटवा निकाली देबो हो गोरी साँवरी,
कि हमरा के किहा देबू दान हो, कि हो गोरी साँवरी।।४।।
मोरे गोरे काँटवा निकाली देबो हो भइया हाजमा,
कि नाक के नथियवा देबों दान, कि हो भइया हाजमा।।५।।
कि का करबों नाक के नथिअवा, हो गोरी साँवरी,
हो गोरी साँवरी, मोरे घरे बारे बहुत।।६।।
कि तोरे गोरे काँटवा निकाली देबों हो, गोरी साँवरी,
हो गोरी साँवरी सँचली बेदनवा लेबों दान, हो गोरी साँवरी।।७।।