दो और मर गए
सीवर में दम घुटकर
डूबकर
तुम्हारे घरों से निकलती
नालियों से बहती
सड़ती, बजबजाती
गंदगी का बन गए
हिस्सा।
और....अखबार के एक कोने से
झांकती एक छोटी-सी खबर!
दो और मर गए
सीवर में दम घुटकर
डूबकर
तुम्हारे घरों से निकलती
नालियों से बहती
सड़ती, बजबजाती
गंदगी का बन गए
हिस्सा।
और....अखबार के एक कोने से
झांकती एक छोटी-सी खबर!