जैसे तारों की टिमक
जैसे ब्याह वाला घर
जैसे फूट पड़ते फ़व्वारे का उल्लास
जैसे एक निराशा घनघोर
मैं आजिज़ आ चुका हूँ इससे
मुझे यह और चाहिए ।
जैसे तारों की टिमक
जैसे ब्याह वाला घर
जैसे फूट पड़ते फ़व्वारे का उल्लास
जैसे एक निराशा घनघोर
मैं आजिज़ आ चुका हूँ इससे
मुझे यह और चाहिए ।