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एक नहीं कई जगह / स्वप्निल श्रीवास्तव

उसे एक जगह नहीं
कई जगह देखा गया है
कभी वह ग़रीबो के घर
भोजन करता दिखाई देता है
दुर्घटनाओं में या शहीदों के परिजनो के बीच
आँसू बहाता है
और शाम के वक़्त अमीरों
के भोज में शामिल हो जाता है

गोपनीय सूचनाएँ बताती हैं कि बाहर
के बैंकों में उसने अकूत धन
जमा किया है
उसके कई स्त्रियों से नाजायज़
सम्बन्ध हैं

जिस मुकाम पर वह पहुँचा है
वहाँ पहुँचने के लिए उसने
चार हत्याएँ, पाँच विश्वासघात और छह
धोखाधड़ी कर चुका है

राजनीतिविद बताते हैं कि इतने
काले कारनामों के बाद उसका भविष्य
उज्ज्वल है