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एक भरोसा / रश्मि भारद्वाज

मुझे बनना था ठोस
दायरे में घिरा हुआ
खाँचों में बन्द किए जा सकने योग्य
मैंने चुना पानी हो जाना

जब बहना था मुझे
पानी की ही तरह
बहा देना था सारा ताप
मैंने चुना आग हो जाना

जब मान लेना था मुझे
हृदय होता है
शरीर में रक्त और ऑक्सीजन
पहँचाने का एक अंग मात्र
मैंने चुना इसका दिल होना
जहाँ चुपके से रख दिया जाता है
एक भरोसा