सप्त शिशु वध कर चुकी थी, क्रूरता अहमन्य।
देवकी वसुदेव-सा, दुखिया नहीं था अन्य।
कंस कारा में पड़ी दृढ़ बेड़ियों के बीच-
मुक्ति को जिसने जना, उस देवकी वन्य
सप्त शिशु वध कर चुकी थी, क्रूरता अहमन्य।
देवकी वसुदेव-सा, दुखिया नहीं था अन्य।
कंस कारा में पड़ी दृढ़ बेड़ियों के बीच-
मुक्ति को जिसने जना, उस देवकी वन्य