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एक मुलाक़ात का जीवन / राग तेलंग

उसने मुझे
इतने प्यार से देखा कि
उसकी आँखों में पानी भर आया
फिर मैं मछली बनकर
उसकी आँख के समुद्र में तैरता रहा
वहाँ रोशनी पाकर
पतंगे में बदल गया मैं
फिर जल गया तो
आँसू बनकर टपक गया
मेरा इतना ही जीवन था !