एक मुश्किल-सी दुआ माँगी है
अपने जुर्मों की सज़ा माँगी है
हमने तक़दीर तेरे आँचल से
सिर्फ थोड़ी-सी हवा माँगी है
चारागर ये तो समझ ले पहले
दर्द माँगा कि दवा माँगी है
शौक से तू किसी की हो दुनिया
हमने कब तुझ से वफ़ा माँगी है
ज़िंदगी है न अकेली तू ही
हमने हर शय से विदा माँगी है