कच्चे आँगन का
वो घर वो बाम-ओ-दर
गाँव की पगडण्डियाँ
वो रहगुज़र
वो नदी का
सुरमई पानी शजर
जा नहीं सकता
बजा उन तक मगर
सामने रहते हैं
वो शाम-ओ-सहर
कच्चे आँगन का
वो घर वो बाम-ओ-दर
गाँव की पगडण्डियाँ
वो रहगुज़र
वो नदी का
सुरमई पानी शजर
जा नहीं सकता
बजा उन तक मगर
सामने रहते हैं
वो शाम-ओ-सहर