मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
एक राजा के चारि छनि धीया, चारू छनि कुमारि यो
धीया देखि बाबा माथ लेल पाग, चलि भेल मगह मुंगेर यो
दक्षिण खोजल बाबा पश्चिम खोजल, खोजल त्रिभुवन नाथ यो
एक जंगलमे भेटल एक तपसी, हुनकहि देखि कनै छथि मनाइन
एहि िबर सौं नहि धीया बिहाअब, मोर धीया रहति कुमारि यो
जुनि कानू जुनि खीजू हमरो मनाइन, इहो थिका त्रिभुवन नाथ