Last modified on 31 जुलाई 2008, at 13:58

एक सच / शहरयार

शोर समाअत के दर पे है, जानते हो

मौत के क़दमों की आहट पहचानते हो

होनी को कोई भी टाल नहीं सकता

यह इक ऎसा सच है, तुम भी मानते हो।