शोर समाअत के दर पे है, जानते हो
मौत के क़दमों की आहट पहचानते हो
होनी को कोई भी टाल नहीं सकता
यह इक ऎसा सच है, तुम भी मानते हो।
शोर समाअत के दर पे है, जानते हो
मौत के क़दमों की आहट पहचानते हो
होनी को कोई भी टाल नहीं सकता
यह इक ऎसा सच है, तुम भी मानते हो।