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एक साथ तीनों / विपिन चौधरी

प्रेम
आत्मा का झीना वस्त्र है
ख़ुशबू
हवा का मीठा परिचय है
सिरफिरी कन्या-सी हवा
सिर के काढ़े हुये बालो को
मोरपंखी मुकुट बना कर खिलखिलाती है
जीवन
वह बैचनी है
जो दोपहर के भोजन के बाद
एक मीठे पान की तलाश में भटक रही है
प्रेम, ख़ुशबू और जीवन
तीनों एक साथ
पार्क की बैंच पर एक साथ बैठते हैं
तो एक लापता दुनिया का पता मिलता है