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ऐसन छै / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'

कभी हांस्सै कभी कानै किसानी चीज ऐसन छै।
विना बादल केरोॅ बरसा सुहानी चीज ऐसन छै।

उजाड़ै जे चिड़ैया के बसेरा जेठ-भादोॅ मेॅ
कुलंगारों केॅ की कहभोॅ जवानी चीज ऐसन छै।

उखाड़ै गाछ धरती केॅ उड़ाबै धूल परती केॅ
हवा के चाल दुनिया मेॅ तुफानी चीज ऐसन छै।
 
हवा कॅे लाज नय डर, अध-कपारी खूब मातै छै
मरद नाचै इषारा पर जनानी चीज ऐसन छै।

कभी बादल के जोड़ै छै कभी बादल के तोड़ै छै
मुसाफिर कंॅ सुनाबै गप-कहानी चीज ऐसन छै।