मैंने जो रचा
उसे सहेजा तुमने
संवारा
संभाला
पीड़ा झेली
साकार किया
समष्टि में
हमारे नाम से।
तुमने जो रचा
सहेजा मैंने उसे
सुधारा
निखारा
साकार हुआ वह
समष्टि में
केवल मेरे नाम से।
प्रसव तो दोनों है
फिर ऐसा क्यों ?
मैंने जो रचा
उसे सहेजा तुमने
संवारा
संभाला
पीड़ा झेली
साकार किया
समष्टि में
हमारे नाम से।
तुमने जो रचा
सहेजा मैंने उसे
सुधारा
निखारा
साकार हुआ वह
समष्टि में
केवल मेरे नाम से।
प्रसव तो दोनों है
फिर ऐसा क्यों ?